केंद्र के लिए समय:
1 जुलाई 2018 से
आंचलिक विज्ञान केंद्र, भोपाल रोज़ सुबह 10.30 बजे से शाम 7.00 बजे तक खुला रहता है। दीवाली और होली पर बंद
कार्यालय समय: 9.30 बजे से शाम 6.00 बजे, शनिवार, रविवार और सभी सरकारी
छुट्टियों
पर बंद। ।
टिकट उपलब्धता 10.30 बजे से 6.30 बजे तक है
.
प्रवेश शुल्क
क्र.
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कार्यक्रम
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सामान्य दर्शक (केंद्र भ्रमण)
Rs प्रति व्यक्ति
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सामान्य दर्शक (25 या अधिक
)
Rs प्रति व्यक्ति
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छात्रों की प्रविष्टि
(संगठित विद्यालय समूह
)
Rs प्रति व्यक्ति
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छात्रों की प्रविष्टि (सरकारी /नगर निगम विद्यालय समूह)
Rs प्रति व्यक्ति
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1.
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प्रवेश टिकेट
विज्ञानं केंद्र
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25/-
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20/-
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10/-
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5/-
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2.
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3D
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20/-
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15/-
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10/-
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5/-
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3.
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तारामंडल/विज्ञानं
मूवी/विज्ञानं प्रात्यक्षिक वियाख्यान
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10/-
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10/-
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10/-
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5/-
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केवल विज्ञान केंद्र में नि: शुल्क प्रवेश:
बच्चों को 3.4 ' (102 सेंटीमीटर ) की ऊँचाई तक, ICOM के सदस्यों के लिए (आपको वैध आईडी कार्ड दिखाना होगा), शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों और वर्दी में रक्षा या अर्ध-सैन्य बलों को अनुमति दी जाएगी।
अन्य सुविधाओं के लिए आगंतुकों को श्रेणी के अनुसार निर्दिष्ट शुल्क का भुगतान करना होगा।
विज्ञान केन्द्र श्यामला हिल्स पर स्थित हैए यहां से 1 कि.मी. दूरी पर पॉलिटेक्नीक
एवं जवाहर चौक डिपो चौराहा है तथा हबीबगंज रेलवे स्टेशन से दूरी 9 कि.मी. एवं भोपाल
रेलवे स्टेशन से 7 कि.मी. है।
परिसर
आंचलिक विज्ञान केन्द्र संपूर्ण म.प्र. में एक विशिष्ट केन्द्र हैए यह 5 एकड़ से
अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और अनेक प्रकार के पेड़-पौधों से सुसज्जित है। आंचलिक
विज्ञान केन्द्र की वास्तुकला खास है जिसमें 266 विज्ञान प्रादर्श स्थापित हैं जो
कि यांत्रिकी, ऊर्जा, ध्वनि, प्रकाश, वातावरण से संबंधित हैं। प्रदर्श में से
अधिकांश परस्पर प्रतिक्रियात्मक और अनुभव के आधार पर आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित
करते हैं।
एक दृष्टि - आंचलिक विज्ञान केन्द्र भोपाल का उद्घाटन 12 जनवरी 1995 को भारत के
तत्कालीन राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह केन्द्र
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् की 27 इकाइयों में से एक है जो कि एक स्वायत्त
संस्थान है जो भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन आता है। यहां पर गतिविधियों
एंव संवादात्मक कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से सामान्य जन तथा
विशेषकर छात्रों के बीच विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना विज्ञान
केन्द्र की प्राथमिकता है।
आंचलिक विज्ञान केन्द्र का मुख्य उद्देश्य:-
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में
विद्यार्थी और सामान्य जन के लिए लोकप्रिय बनाना।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण और स्वभाव को विकसित करने तथा लोगों में
सामान्य जागरूकता के निर्माण, अन्तर्निवेश एवं इसे बनाये रखने के
उद्देश्य से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास की प्रस्तुति तथा
उद्योग एवं मानव कल्याण में उन्हें प्रयोग में लाना।
- प्रदर्शनी, सेमिनार, लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान, विज्ञान कैम्प /
प्रदर्शन एवम् अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करना।
- प्रमुख ऐतिहासिक वस्तुओं को प्राप्त करना, पुनः स्थापन करना एवं
संरक्षण करना जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग के विकास में
महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाए।
- विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विज्ञान संग्रहालयों का
विकास एवं निर्माण करना।
- विज्ञान केन्द्र में प्रतिवर्ष 2,00,000 से अधिक दर्शक आते हैं। वे
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बुनियादी सिद्धांतों का ज्ञान प्राप्त करते
हैं। पिछले वर्ष 81,354 स्कूली बच्चों ने केन्द्र का दौरा किया एवं
केन्द्र की गतिविधियों में भाग लिया।
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